ने अपनी लेखनी से होशंगाबाद को गौरवान्वित किया है । नर्मदा तीरे काव्य संकलन होशंगाबाद के कुछ उत्साही कवियों की कविताओं का संकलन है । इस संकलन में जो कविताएँ प्रकाशित की जा रही हैं उनके विषय में यह दावा तो नहीं किया जा सकता कि ये कविताएँ होशंगाबाद की प्रतिनिधि कविताएँ हैं लेकिन यह अवश्य कहा जा सकता है कि अब तक किसी नगर से हिन्दी कविताओं का इंटरनेट पर प्रकाशित होने वाला यह पहला काव्य संकलन है । इस दृष्टि से यह संकलन महत्वपूर्ण है और ऍतिहासिक भी । कम्प्यूटर के युग में हिन्दी कविता के लिए यह भी एक सशक्त माध्यम है, और नर्मदा तीरे इस पथ में साहस पूर्ण और प्रेरणास्पद कदम है। संकलन में अभी कवियों की संख्या कम है परन्तु यह संख्या बढ़ती रहेगी। यदि इस संकलन से प्रेरणा लेकर हिन्दी साहित्य के कुछ संकलन विभिन्न नगरों से इंटरनेट पर आने शुरू हुए तो यह हिन्दी भाषा और साहित्य के लिए एक बड़ी और वैश्विक उपलब्धि होगी।
कविता की पाठशाला
08 May 2005
आमुख
नर्मदा नदी के पावन तट पर स्थित होशंगाबाद का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है । यहाँ की आदमगढ़ की पहाड़िया पर अनादिकाल में उकेरे गए शैलचित्र आदि मानव की उपस्थिति के जीवन्त दस्तावेज़ हैं । साहित्य के क्षेत्र में भी होशंगाबाद अग्रणी रहा है । पं.माखनलाल चतुर्वेदी, भवानी प्रसाद मिश्र, हरिशंकर परसाई