नर्मदा तीरे
पावन नर्मदा नदी के किनारे स्थित होशंगाबाद के कवियों की कविताओं का संकलन है नर्मदा तीरे।
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07 May 2005
यह हार एक विराम है
यह हार एक विराम है
जीवन महासंग्राम है
तिल–तिल मिटूँगा, पर–
दया की भीख मैं लूँगा नहीं
वरदान माँगूंगा नहीं ।
-शिवमंगल सिंह सुमन
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